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यह प्रयोग करके देखें : 1 से 12 तक अंक बोलें। अब घड़ी के डायल को देखें और उन अंकों को ''पढ़ें''। — उपरोक्त स्थिति में ऐसा क्या था जिसे आपने “पढ़ना” कहा? यानी आप ने उसे ''पढ़ना'' संभव बनाने के लिए क्या किया? | यह प्रयोग करके देखें : 1 से 12 तक अंक बोलें। अब घड़ी के डायल को देखें और उन अंकों को ''पढ़ें''। — उपरोक्त स्थिति में ऐसा क्या था जिसे आपने “पढ़ना” कहा? यानी आप ने उसे ''पढ़ना'' संभव बनाने के लिए क्या किया? | ||
{{ParPU|162}} आइए हम निम्नलिखित परिभाषा का परीक्षण करें : जब आप मूल की | {{ParPU|162}} आइए हम निम्नलिखित परिभाषा का परीक्षण करें : जब आप मूल की ''नकल करते हैं'' तो आप पठन-क्रिया करते हैं। और “मूल” से मेरा तात्पर्य वह पाठ है जिसे आप पढ़ते हैं अथवा जिसकी आप नकल करते हैं; वह इमला है जिसे आप लिखते हैं; वह स्वरलिपि है जिससे आप गाते-बजाते हैं; इत्यादि, इत्यादि। — उदाहरणार्थ, अब मान लीजिए कि हमने किसी को स्लाव वर्णमाला सिखाई है और उसे प्रत्येक अक्षर का उच्चारण सिखाया है। फिर हम उसे एक गद्यांश देते हैं और वह उसके प्रत्येक अक्षर का हमारी सिखाई विधि के अनुसार उच्चारण करते हुए उसे पढ़ता है। इस स्थिति में हमारे यह कहने की अत्यधिक संभावना है कि वह हमारे द्वारा सिखाए नियमानुसार लिखित-संरूप से शब्द-ध्वनि की नकल करता है। और यह भी ''पठन'' की स्पष्ट स्थिति है। (हम कह सकते हैं कि हमने उसे ‘वर्णमाला नियम’ सिखाया था।) | ||
किन्तु हम ऐसा क्यों कहते हैं कि उसने मुद्रित शब्दों से उच्चारित शब्दों की व्युत्पत्ति की? क्या हम इससे अधिक कुछ जानते हैं कि हमने उसे सिखाया कि प्रत्येक अक्षर को कैसे उच्चारित किया जाना चाहिए और फिर उसने शब्दों का उच्चारण किया? संभवतः हमारा उत्तर होगा : शिक्षार्थी यह प्रदर्शित करता है कि वह हमारे द्वारा बनाये गये मुद्रित से उच्चारित शब्दों पर जाने के नियम का प्रयोग कर रहा है। — यह अधिक स्पष्टता से तब ''प्रदर्शित'' होता है जब हम अपने उदाहरण को ऐसे उदाहरण में परिवर्तित करते हैं जिसमें शिक्षार्थी पाठ को हमें पढ़ कर नहीं सुनाता अपितु उसे लिखता है, उसे मुद्रित-सामग्री को हस्तलेख में परिवर्तित करना होता है। क्योंकि ऐसी स्थिति में हम उसे नियम एक ऐसी सारिणी के रूप में दे सकते हैं जिसमें एक खाने में तो मुद्रित अक्षर हैं और दूसरे में घसीट-लेख। और वह प्रदर्शित करता है कि वह मुद्रित शब्दों को सारिणी की सहायता से हस्तलेख में परिवर्तित करता है। | किन्तु हम ऐसा क्यों कहते हैं कि उसने मुद्रित शब्दों से उच्चारित शब्दों की व्युत्पत्ति की? क्या हम इससे अधिक कुछ जानते हैं कि हमने उसे सिखाया कि प्रत्येक अक्षर को कैसे उच्चारित किया जाना चाहिए और फिर उसने शब्दों का उच्चारण किया? संभवतः हमारा उत्तर होगा : शिक्षार्थी यह प्रदर्शित करता है कि वह हमारे द्वारा बनाये गये मुद्रित से उच्चारित शब्दों पर जाने के नियम का प्रयोग कर रहा है। — यह अधिक स्पष्टता से तब ''प्रदर्शित'' होता है जब हम अपने उदाहरण को ऐसे उदाहरण में परिवर्तित करते हैं जिसमें शिक्षार्थी पाठ को हमें पढ़ कर नहीं सुनाता अपितु उसे लिखता है, उसे मुद्रित-सामग्री को हस्तलेख में परिवर्तित करना होता है। क्योंकि ऐसी स्थिति में हम उसे नियम एक ऐसी सारिणी के रूप में दे सकते हैं जिसमें एक खाने में तो मुद्रित अक्षर हैं और दूसरे में घसीट-लेख। और वह प्रदर्शित करता है कि वह मुद्रित शब्दों को सारिणी की सहायता से हस्तलेख में परिवर्तित करता है। |