5,960
edits
No edit summary |
(font test: Noto) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<html> | |||
<style> | |||
@import url('https://fonts.googleapis.com/css2?family=Noto+Sans:ital,wght@0,400;0,700;1,400;1,700&display=swap'); | |||
p { | |||
font-family: 'Noto Sans', sans-serif; | |||
} | |||
</style> | |||
</html> | |||
{{ParUG|1}} यदि आप निश्चित रूप से यह जानते हैं कि ''यह एक हाथ है''<ref>देखें, जी. ई. मूअर “प्रूफ़ ऑव एन एक्सटर्नल वर्ल्ड”, ''प्रोसीडिंग्स ऑव द ब्रिटिश अकेडमी'', खडं xxv, 1930; और “ए डिफेन्स ऑव कॉमन सेन्स”, ''कान्टेम्परेरी ब्रिटिश फ़िलोसॉफ़ी, सेकेंड सिरीज़'', संपादक जे. एच. मयूरहैड, 1925। ये दोनों शोध-पत्र मूअर की पुस्तक ''फ़िलोसॉफ़िकल पेपर्स'', लंदन: जॉर्ज एलन एन्ड अन्विन, 1959 में भी मिलते हैं।</ref> तो हम आपके बाकी सारे ज्ञान को स्वीकार कर लेते हैं। | {{ParUG|1}} यदि आप निश्चित रूप से यह जानते हैं कि ''यह एक हाथ है''<ref>देखें, जी. ई. मूअर “प्रूफ़ ऑव एन एक्सटर्नल वर्ल्ड”, ''प्रोसीडिंग्स ऑव द ब्रिटिश अकेडमी'', खडं xxv, 1930; और “ए डिफेन्स ऑव कॉमन सेन्स”, ''कान्टेम्परेरी ब्रिटिश फ़िलोसॉफ़ी, सेकेंड सिरीज़'', संपादक जे. एच. मयूरहैड, 1925। ये दोनों शोध-पत्र मूअर की पुस्तक ''फ़िलोसॉफ़िकल पेपर्स'', लंदन: जॉर्ज एलन एन्ड अन्विन, 1959 में भी मिलते हैं।</ref> तो हम आपके बाकी सारे ज्ञान को स्वीकार कर लेते हैं। | ||
Line 1,781: | Line 1,790: | ||
<references /> | <references /> | ||