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'''37.''' नाम का उस वस्तु से क्या संबंध है जिसे वह नाम दिया गया है? — हाँ तो, यह है क्या? भाषा-खेल §2 अथवा किसी अन्य भाषा खेल पर दृष्टिपात करें; तब आप यह जान पायेंगे कि यह संबंध क्या है। यह संबंध अनेक अन्य बातों के साथ-साथ इस तथ्य में भी निहित हो सकता है कि किसी नाम को सुनने पर हमारे मन में उस वस्तु का चित्र उभर आता है जिस वस्तु का वह नाम है; और अन्य बातों के साथ-साथ यह इस में भी निहित हो सकता है कि वस्तु पर उसका नाम लिखा होता हो, अथवा उस वस्तु को इंगित करते समय वह नाम उच्चारित किया जाता हो। | '''37.''' नाम का उस वस्तु से क्या संबंध है जिसे वह नाम दिया गया है? — हाँ तो, यह है क्या? भाषा-खेल §2 अथवा किसी अन्य भाषा खेल पर दृष्टिपात करें; तब आप यह जान पायेंगे कि यह संबंध क्या है। यह संबंध अनेक अन्य बातों के साथ-साथ इस तथ्य में भी निहित हो सकता है कि किसी नाम को सुनने पर हमारे मन में उस वस्तु का चित्र उभर आता है जिस वस्तु का वह नाम है; और अन्य बातों के साथ-साथ यह इस में भी निहित हो सकता है कि वस्तु पर उसका नाम लिखा होता हो, अथवा उस वस्तु को इंगित करते समय वह नाम उच्चारित किया जाता हो। | ||
{{PU box|“''वह'' नीला है” शब्दों से कभी तो इंगित वस्तु — और कभी | {{PU box|“''वह'' नीला है” शब्दों से कभी तो इंगित वस्तु — और कभी ‘नीला’ शब्द की व्याख्या, ''अर्थ'' होना कैसे होता है? हाँ, दूसरी स्थिति में हमारा यह तात्पर्य होता है “उसे ‘नीला’ कहते हैं” — तो क्या कभी “है” शब्द से हमारा तात्पर्य “कहलाता है”, और “नीला” शब्द से “‘नीला’” हो सकता है, और कभी “है” शब्द से हमारा तात्पर्य ‘है’ शब्द जैसा वास्तव में होता है, वैसा ही हो सकता है? | ||
ऐसे वाक्यों से, जिनका उद्देश्य सूचित करना हो, भी कोई व्यक्ति शब्दों को समझ सकता है। (हाशियों में टिप्पणी: यहाँ महत्त्वपूर्ण अंधविश्वास है।) | ऐसे वाक्यों से, जिनका उद्देश्य सूचित करना हो, भी कोई व्यक्ति शब्दों को समझ सकता है। (हाशियों में टिप्पणी: यहाँ महत्त्वपूर्ण अंधविश्वास है।) |