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जब मैं कहता हूँ कि “आधा घंटा पहले यह पर्वत नहीं था” तो इस अटपटे कथन से पता ही नहीं चलता कि मेरा तात्पर्य क्या है। उदाहरणार्थ कहीं मैं कोई असत्य किन्तु वैज्ञानिक बात तो नहीं कर रहा। संभवतः आपको लगे कि ‘यह पर्वत तब तो नहीं था’ कथन सुस्पष्ट है, हालाँकि आपको इसके संदर्भ की कल्पना करनी पड़ती है। किन्तु कल्पना कीजिए कि कोई कहे “क्षण भर पहले यह पर्वत नहीं था अपितु उस समय बिल्कुल ऐसा ही पर्वत मौजूद था”। सुपरिचित संदर्भ से ही तात्पर्य का पता चलेगा। | जब मैं कहता हूँ कि “आधा घंटा पहले यह पर्वत नहीं था” तो इस अटपटे कथन से पता ही नहीं चलता कि मेरा तात्पर्य क्या है। उदाहरणार्थ कहीं मैं कोई असत्य किन्तु वैज्ञानिक बात तो नहीं कर रहा। संभवतः आपको लगे कि ‘यह पर्वत तब तो नहीं था’ कथन सुस्पष्ट है, हालाँकि आपको इसके संदर्भ की कल्पना करनी पड़ती है। किन्तु कल्पना कीजिए कि कोई कहे “क्षण भर पहले यह पर्वत नहीं था अपितु उस समय बिल्कुल ऐसा ही पर्वत मौजूद था”। सुपरिचित संदर्भ से ही तात्पर्य का पता चलेगा। | ||
{{ParUG|238}} मेरे जन्म से पूर्व पृथ्वी का अस्तित्व नहीं था ऐसा कहने वाले व्यक्ति की कौनसी धारणाएं मेरी धारणाओं से मेल नहीं खातीं यह जानने के लिए मुझे उससे पूछताछ करनी पड़ेगी। ''हो सकता'' है कि इस | {{ParUG|238}} मेरे जन्म से पूर्व पृथ्वी का अस्तित्व नहीं था ऐसा कहने वाले व्यक्ति की कौनसी धारणाएं मेरी धारणाओं से मेल नहीं खातीं यह जानने के लिए मुझे उससे पूछताछ करनी पड़ेगी। ''हो सकता'' है कि इस जानकारी के बाद मुझे पता चले कि वह मेरी आधारभूत मान्यताओं का ही विरोध कर रहा है। ऐसी स्थिति में मेरे पास उसके मत को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं होगा। | ||
इसी प्रकार मुझे उसके चाँद पर जाने के कथन को भी स्वीकार करना होगा। | इसी प्रकार मुझे उसके चाँद पर जाने के कथन को भी स्वीकार करना होगा। |